"बच्चा चोरी" की अफवाह

आजकल “बच्चा चोरी” के अफ़वाह में निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की नृशंस घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। ऐसा लगता है जैसे, समाज नए सिरे से बर्बर, असभ्य और क्रूरता के दौर में प्रवेश कर रहा है। बंगाल, झारखंड, बिहार और उप्र में ऐसी घटनाएँ अब बढ़ने लगी हैं। इस “मॉब लिंचिंग’’ के शिकार प्रायः भिखारी या विक्षिप्त स्त्री-पुरुष हो रहे हैं। वहशी भीड़ इस मारपीट और हत्या का वीडियो बनाकर भी वायरल कर रही है। यानी कि थाना-पुलिस और कोर्ट-कचहरी का किसी को कोई डर नहीं ! ताज़ा घटना में वैशाली में एक विक्षिप्त महिला को भीड़ ने पेड़ से बाँधकर पीट-पीटकर मार डाला और उसका वीडियो वायरल कर दिया। रोहतास में एक बाल श्रमिक को उसके मालिक के चंगुल से छुड़ाकर गाड़ी में ला रहे चार लेबर इंस्पेक्टरों को ही भीड़ ने “बच्चा चोर” समझकर पीटना शुरू कर दिया और उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। बाद में पुलिस ने आकर लाठीचार्ज किया, तब ये इंस्पेक्टर बच पाए। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामले को बहुत गंभीरता से ले और सख़्त क़दम उठाए...

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