
दुनिया भर में हवा महल गुलाबी शहर की पहचान के रूप में विख्यात है। चूने , लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह पांच मंजिला महल है जिसकी आकृति मुकुट के समान है। नीचे से ऊपर की ओर इसकी पांच मंजिलें शरद, रत्न, विचित्र, प्रकाश, हवा मंजिल के नाम से जानी जाती हैं। हवा महल को महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी ने सन् 1799 में बनवाया था। इस महल में 365 झरोखे व 953 खिड़कियां हैं। 2008 में इस पर डाक टिकट जारी किया गया। प्रातः और सांय काल में सूर्य की सुनहरी रोशनी में इसे दमकते हुए देखना एक अनूठा अनुभव है।