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दुनिया भर में हवा महल गुलाबी शहर की पहचान के रूप में विख्यात है। चूने , लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित यह महल जयपुर के व्यापारिक केंद्र के हृदयस्थल में मुख्य मार्ग पर स्थित है। यह पांच मंजिला महल है जिसकी आकृति मुकुट के समान है। नीचे से ऊपर की ओर इसकी पांच मंजिलें शरद, रत्न, विचित्र, प्रकाश, हवा मंजिल के नाम से जानी जाती हैं। हवा महल को महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी ने सन् 1799 में बनवाया था। इस महल में 365 झरोखे व 953 खिड़कियां हैं। 2008 में इस पर डाक टिकट जारी किया गया। प्रातः और सांय काल में सूर्य की सुनहरी रोशनी में इसे दमकते हुए देखना एक अनूठा अनुभव है।

राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा राव फुले

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आज ही के दिन 11 अप्रैल 1827 ई. में 19वी सदी के महान समाज सुधारक, विचारक, दार्शनिक और लेखक का जन्म पुणे में हुआ था। महात्मा फुले जी भारतीय समाज में फैली अनेक कुरीतियों को दूर कर हिंदू समाज में समरसता लाने का प्रयास किया।      ऐसा महात्मा जिसने महिलाओं के लिए खोला था पहला स्कूल उन्होंने महिला शिक्षा के पक्ष में भी काफी काम किया। 1848 में उन्होंने देश के पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी। जब लड़कियों को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं मिला तो उन्होंने अपनी पत्नी को इसके लिए तैयार किया। और इस तरह उनकी पत्नी सावित्री बाई फूले देश की पहली महिला शिक्षिका बनी। इसके बाद लड़कियों को शिक्षा देने के लिए उन्होंने तीन और स्कूल खोले।       1873 में उन्होंने दलित वर्ग के उत्थान और उनको न्याय दिलवाने के लिए ‘सत्य शोधक समाज’ की स्थापना की। उनकी समाजसेवा और वंचितो के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों से प्रभावित होकर उनको 1888 में मुंबई में एक विशाल सभा का आयोजन कर महात्मा की उपाधि दी गई।       वे बाल-विवाह के विरोधी और विधवा-विवाह के कट्टर समर्थक थे। 1854 में ...

मैं चमारों की गली में ले चलूंगा आपको -अदम गोंडवी

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सामाजिक आलोचना के प्रखर कवि अदम गोंडवी । अदम गोंडवी को हिंदी ग़ज़ल में दुष्यन्त कुमार की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला शायर माना जाता है। राजनीति, लोकतंत्र और व्‍यवस्‍था पर करारा प्रहार करती अदम गोंडवी की ग़ज़लें जनमानस की आवाज हैं। आपके सामने पेश है उनकी सबसे चर्चित कविता, 'मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको'। मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको आइए महसूस करिए ज़िन्दगी के ताप को। जिस गली में भुखमरी की यातना से ऊब कर मर गई फुलिया बिचारी कि कुएं में डूब कर। है सधी सिर पर बिनौली कंडियों की टोकरी आ रही है सामने से हरखुआ की छोकरी। चल रही है छंद के आयाम को देती दिशा मैं इसे कहता हूं सरजूपार की मोनालिसा। कैसी यह भयभीत है हिरनी-सी घबराई हुई लग रही जैसे कली बेला की कुम्हलाई हुई। कल को यह वाचाल थी पर आज कैसी मौन है जानते हो इसकी ख़ामोशी का कारण कौन है। थे यही सावन के दिन हरखू गया था हाट को सो रही बूढ़ी ओसारे में बिछाए खाट को। डूबती सूरज की किरनें खेलती थीं रेत से घास का गट्ठर लिए वह आ रही थी खेत से। आ रही थी वह चली खोई हुई जज्बात में क्या पता उसको कि कोई भेड़...

"बच्चा चोरी" की अफवाह

आजकल “बच्चा चोरी” के अफ़वाह में निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की नृशंस घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। ऐसा लगता है जैसे, समाज नए सिरे से बर्बर, असभ्य और क्रूरता के दौर में प्रवेश कर रहा है। बंगाल, झारखंड, बिहार और उप्र में ऐसी घटनाएँ अब बढ़ने लगी हैं। इस “मॉब लिंचिंग’’ के शिकार प्रायः भिखारी या विक्षिप्त स्त्री-पुरुष हो रहे हैं। वहशी भीड़ इस मारपीट और हत्या का वीडियो बनाकर भी वायरल कर रही है। यानी कि थाना-पुलिस और कोर्ट-कचहरी का किसी को कोई डर नहीं ! ताज़ा घटना में वैशाली में एक विक्षिप्त महिला को भीड़ ने पेड़ से बाँधकर पीट-पीटकर मार डाला और उसका वीडियो वायरल कर दिया। रोहतास में एक बाल श्रमिक को उसके मालिक के चंगुल से छुड़ाकर गाड़ी में ला रहे चार लेबर इंस्पेक्टरों को ही भीड़ ने “बच्चा चोर” समझकर पीटना शुरू कर दिया और उनकी गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। बाद में पुलिस ने आकर लाठीचार्ज किया, तब ये इंस्पेक्टर बच पाए। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामले को बहुत गंभीरता से ले और सख़्त क़दम उठाए...

मासूमों के साथ जुल्म पर जिम्मेदार कौन

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मासूमों के साथ जुल्म पर जिम्मेदार कौन ? अक्सर आए दिन हमारे समाज में मासूमों के साथ रेप की घटनाएं घटित होती है  जिसमें 6 से भी कम उम्र  की बच्चियां शामिल होती हैं दुखद बात तो यह है कि बलात्कार करने के बाद बच्चियों को गला घोटकर या अन्य कई तरीकों से हत्या कर दी जाती है कई बच्चों की लाश अर्धनग्न अवस्था  व नग्न अवस्था में पाई गई है सरकार ने फांसी की सजा तक सख्त कानून संसद में पास कराकर संवैधानिक कानून लागू कराया है समाज में व्याप्त दरिंदे भेड़िए के रूप में मौजूद हैं जो इस शर्मनाक घटना को अंजाम दे रहे हैं अभी तक जो मामले प्रकाश में आए हैं इनमें रिश्तेदार ,पड़ोसी व जानकार ज्यादातर ,सम्मिलित रहे हैं अज्ञात की संख्या बहुत न्यून है प्रतिदिन इस प्रकार की घट की घिनौनी घटना हमें समाचार पत्रों, टीवी ,रेडियो, सोशल मीडिया पर सुनाई पड़ती है जिसे देखकर व सुनकर  हमें काफी अफसोस होता है इससे हमें सजग हो जाना चाहिए क्योंकि यह घटना किसी भी मासूमों के साथ हो सके जो हमारे अपनों में से हैं अपने आसपास में ऐसे रहने वाले ज्ञात- अज्ञात ऐसे दरिंदे की पहचान करनी चाहिए  जिनके चरित्र पर दाग...

Buddha Quote

“To enjoy good health, to bring true happiness to one’s family, to bring peace to all, one must first discipline and control one’s own mind. If a man can control his mind he can find the way to Enlightenment, and all wisdom and virtue will naturally come to him.”